खबर लहरिया ताजा खबरें यू.पी. की हलचल – प्रधानमंत्री जी क्यों न आप बनारस में बस जाएं

यू.पी. की हलचल – प्रधानमंत्री जी क्यों न आप बनारस में बस जाएं

रिज़वाना तबस्सुम

रिज़वाना तबस्सुम

अब हर हफ्ते खबर लहरिया में पढ़ें महिला पत्रकारों की कुछ खास खबरें। राजनीति, विकास, संस्कृति, खेल आदि की ये खबरें देश के कोने-कोने से, छोटे-बड़े शहरों और अलग-अलग गांवों से हैं। इस हफ्ते, पढ़ें रिज़वाना तबस्सुम की खबर बनारस से। रिज़वाना तबस्सुम ने इसी साल पत्रकारिता में एम.ए. की पढ़ाई पूरी की और इस समय एक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम कर रही हैं।

बनारस को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए चुना गया है। वैसे भी प्रधानमंत्री की संसदीय सीट को तो चुनना ही था। जापान के साथ इस जि़ले को स्मार्ट सिटी बनाने का करार किया गया है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 12 दिसंबर को यहां आने वाले हैं।
दोनों प्रधानमंत्री के स्वागत में शहर में स्वच्छता अभियान तेज़ कर दिया गया है। जो काम साल भर में नहीं हो पाता है वो काम महीने भर में ही किया जा रहा है। बनारस के डिवाइडर से लेकर दीवारों को भी पेन्ट किया जा रहा है। बाबतपुर से दशाश्वमेध घाट तक जिस रास्ते से पीएम का काफिला गुज़रने वाला है उस रास्ते के बैनर हटाए जा रहे हैं। दशाश्वमेघ घाट के आस-पास की गुमूतियों को हटाया जा रहा है। और सीढ़ी-सीढ़ी की सफाई की जा रही है। दोनों पीएम करीब साढ़े चार घण्टे का समय बनारस में बिताने वाले हैं। जिसके लिए दशाश्वमेघ घाट पर एक बार फिर से देव दीपावली के जैसा माहौल और मंच बनाया जा रहा है। इसके लिए स्पेशल सेना की टीम गंगा में मंच तैयार कर रही है। मंच में करीब दस लाख फूलों और इक्यावन सौ दीपों का इस्तेमाल होगा।
जिस रास्ते से पीएम गुज़रने वाले है उस रास्ते में करीब दो किलोमीटर तक स्कूली बच्चे हाथ में फूल लेकर पीएम का स्वागत करेगें। एयरपोर्ट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत करने आएंगेें।
जहां तक बात है गुमटीवालों को हटाने की तो क्या यह ठीक है कि जब प्रधानमंत्री आएं तो उन्हें उनकी रोज़ी-रोटी से दूर कर दिया जाए? अगर स्मार्ट शहर बनने से पहले यह हाल है तो फिर बनने के बाद क्या हम मानकर चलें कि चैराहों, फुटपाथों पर दुकान चलाकर घर चलानेवाले लोगों के बुरे दिन आ गए हैं। कहां जाएंगे वो? आखिर स्वच्छता अभियान के मायने क्या हैं? जब प्रधानमंत्री आएं या कोई और बड़ा नेता आए तब एक दिन शहर को साफ करना या रोज़ाना सफाई करना? कुछ दिन पहले जब प्रधानमंत्री आए आए थे तब भी बनारस को दुल्हन की तरह सजाया गया था। तो अभी फिर से वही चीज़ हो रही है। क्या सफाई सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए ज़रूरी है और यहंा रहनेवालों के लिए नहीं? जब बनारस को स्मार्ट सिटी बनाना है तो सफाई तो रोज़ करनी होगी अगर सिर्फ प्रधानमंत्री के आने से सफाई होगी तो मोदी जी हम बनारसियों के लिए आप यहीं रह जाएं जब तक बनारस साफ ना हो।