खबर लहरिया न्यूज़ नेटवर्क महिला पत्रकारों का एक समूह है। इस हफ्ते यू.पी. की राजनीतिक स्थिति का आंकलन इस नेटवर्क की एक पत्रकार द्वारा किया गया है।
उत्तर प्रदेश में जून 2015 में तीन पत्रकारों पर घातक हमले हुए। 1 जून को शाहजहाँपुर में जगेंद्र सिंह नाम के एक पत्रकार की मौत हो गई, 11 जून को कानपुर में दीपक मिश्रा पर गोली मारकर हमला किया गया और 13 जून को पीलीभीत में हैदर खान नाम के एक पत्रकार को भी गुंडों ने बुरी तरह से पीटा। पंद्रह दिन के अंतराल में तीन पत्रकारों पर ऐसे घातक से कई सवाल उठते हैं।
तीन में से दो ऐसे पत्रकार हैं जिन्होंने सत्ता में बैठे लोगों पर सवाल उठाये। जगेंद्र सिंह की मौत के लिए समाजवादी पार्टी के मंत्री राम मूर्ती वर्मा को ज़िम्मेदार माना जा रहा है। परिवार के लोगों के अनुसार राम मूर्ती वर्मा के इशारों पर पुलिस इंस्पेक्टर श्रीप्रकाश राय ने आग लगाकर जगेंद्र सिंह को मार डाला। जगेंद्र ने वर्मा के ऊपर भ्रष्टाचार, गैर कानूनी खनन और बलात्कार के आरोप लगाए थे। पीलीभीत के हैदर खान का कहना है कि ज़मीन हड़पने की कुछ खबरों को उजागर करने की वजह से उसे तीन -चार लोगों ने बन्दूक की नली से मारा और काफी दूर गाडी से खीचकर ले गए। बेहोशी की हालत में उसे छोड़कर यह लोग भाग गए।
आजकल माहौल ऐसा है जहां बहुत कम पत्रकार सत्ता में बैठे लोगों पर सवाल उठाते हैं। अखबार – टेलीविज़न चैनेल के मालिक नेता, मंत्री और बड़े व्यापारी हैं। ऐसे में जब कुछ पत्रकार भ्रष्टाचार, हिंसा और घोटालों को सामने लाते हैं तो उनके बचाव के लिए कोई संस्था या मंच नहीं है। इन हमलों और पत्रकारों के काम के माहौल को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि जल्द ही एक टोल फ्री नम्बर चालू किया जाएगा जिसमें पत्रकार धमकी मिलने पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जहां नेता, सत्ताधारी लोग और गुंडों के बीच इतनी सांठ -गाँठ है, वहां खतरा इस बात का है कि सरकार द्वारा चलाई जाने वाली यह हेल्पलाइन का नंबर भी एक ऐसा मंच बन जाए जहां शिकायत तो दर्ज होती है लेकिन उसपर कोई कारवाही नहीं होती है।
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