अभी हाल फिलहाल में उत्तर प्रदेश कई कारणों से सूर्खियों में रहा है।
बदायूं में एक सप्ताह पहले चैदह साल की लड़की का सामूहिक बलात्कार हुआ। बदायूं उत्तर प्रदेश का वही शहर है जो एक साल पहले बड़ी चर्चा में रहा था। दो बहनों का बलात्कार किया गया था और उनके शव को पेड़ से लटका दिया गया था। उत्तर प्रदेश में बलात्कार जैसी घटनाएं आए दिन बढ़ती ही जा रही हैं, जिस पर सरकार कुछ भी करनें में असमर्थ हैं। सत्ता में बैठे लोग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
ऐसे में सत्ता के खिलाफ आवाज़ उठाने वालों पर भी समय भारी पड़ रहा है। कुछ ऐसा ही हुआ शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह के साथ हुआ। जगेंद्र सिंह ने मंत्री राम मूर्ति वर्मा के खिलाफ लिखा था और 1 जून को उनकी मृत्यु हो गई। घटना की जांच में ये साबित करने की कोशिश है कि उन्होंने आत्महत्या की थी।
मुज़फ्फरनगर में पिछले साल जो दंगे हुए वो बेहद खौफनाक थे। एक समुदाय के मन में डर इस तरह घर कर गया है कि पिछले हफ्ते जब एक लड़के की हत्या पर बवाल हुआ तो मुस्लिम समुदाय के कई परिवार आधे दिन तक मस्जिद में छिपे रहे। यहां ये भी याद करना ज़रूरी है कि पिछले साल दंगों से प्रभावित हुए कई लोग आज तक न्याय की राह ताक रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ लखनऊ से लेकर दिल्ली तक समाजवादी पार्टी ने बड़े-बड़े अखबारों में बड़े-बड़े विज्ञापन दिए जो उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव के आ जाने से होने वाले उत्तम विकास की बात बताते हैं। यह किस विकास की बात कर रहे हैं? गांवों में बिजली की स्थिति दयनीय है, बाराबंकी में बाढ़ की कोई तैयारी पूरी नहीं है और पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपराध और साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाओं की खबरें लगातार आ रही हैं। ऐसे माहौल में किस प्रदेश को उत्तम प्रदेश कहेंगे?