यूपी सरकार ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपए का बजट पेश किया। यह पिछले वित्तीय वर्ष के बजट के से 11.4 प्रतिशत ज्यादा है।
वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट में 14 हजार 341 करोड़ 89 लाख रुपए की नई योजनाओं के प्रस्ताव किए हैं। यह उनका दूसरा बजट है। बजट प्रस्तावों में राजकोषीय घाटा 44 हजार 53 करोड़ 32 लाख रुपए और अंतिम शेष एक हजार 284 करोड़ 23 लाख होना अनुमानित है।
बजट में किसानों के लिए कई योजनाएं घोषित की गई हैं। उर्वरकों के अग्रिम भंडारण की योजना के लिए 100 करोड़, प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए 31 करोड़ रुपए, किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए अनुदान योजना के तहत 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
बजट में तालाब योजना के तहत 5 हजार तालाबों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा आगामी वित्तीय वर्ष में 581 लाख 60 हजार मैट्रिक टन खाद्य तथा 11 लाख 28 हजार मैट्रिक टन तिलहन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। शरदकालीन गन्ना बुवाई के लिए 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को 80 लाख कुंतल उन्नत किस्म का गन्ना बीज उपलब्ध कराया जाएगा।
मछुआरों के कल्याण के लिए मत्स्य पालक कल्याण फंड की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।