सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कानून के फैसले और फिर दलित संगठनों के भारत बंद के चलते शुरू हुई राजनीति के बाद अब संघ और बीजेपी ने इसकी खानापूर्ति की तैयारी कर ली है।
आरएसएस ने अपने आनुषांगिक संगठनों को इसके लिए निर्देश दिए हैं। यही वजह है कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने अब देश भर में 14 अप्रैल को बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती मनाने की योजना बनाई है। इसके जरिए संघ की कोशिश खुद को दलित समाज के करीब ले जाने की है।
विश्व हिन्दू परिषद(वीएचपी) और बजरंग दल की यूनिट ने आंबेडकर जयंती के कार्यक्रमों की कड़ी में 8 अप्रैल को बाइक रैली का आयोजन किया था। वीएचपी के एक नेता ने कहा कि इसके जरिए हमारा प्रयास जातिवादी विभाजन के खिलाफ हिंदुओं की एकता स्थापित करना है। वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा, ‘ऐसे तत्व हैं, जो हिंदू समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, हम ऐसे तत्वों को काउंटर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
इसके अलावा बीजेपी ने भी उत्तर प्रदेश में आंबेडकर जयंती के लिए नया नारा दिया है, ‘बाबा जी का मिशन अधूरा, बीजेपी कर रही है पूरा’।
राज्य सरकार ने साथ ही 13 अप्रैल की ‘आंबेडकर मिशन पदयात्रा’ को भी अपने बड़ी योजनाओं में शामिल किया है। बीजेपी कार्यकर्ता राज्य के हर जिले में दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों से आंबेडकर जयंती के एक दिन पहले होनेवाली इस पदयात्रा में शामिल होने की अपील करेंगे।
वीएचपी के मिलिंद परांडे ने कहा कि बाबासाहेब ने जातिवादी श्रेष्ठता और छुआछूत के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था। वीएचपी नेता ने कहा, ‘हम यह बताना चाहते हैं कि कैसे आंबेडकर ने जातिगत भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी।’