भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को सहारनपुर की जेल से 13 सितंबर की रात रिहा कर दिया गया।
बीते साल सहारनपुर में जातीय दंगा फैलाने के लिये चंद्रशेखर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल भेजा गया था। जेल से रिहा होते ही चंद्रशेखर ने सभा को संबोधित किया, जहां बीजेपी पर उन्होंने करारा हमला बोला। रावण ने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हारना है। सामाजिक हित में पार्टियों को गठबंधन करने जरूरत है। बीजेपी को सत्ता में तो क्या विपक्ष में भी जगह नहीं मिलेगी।
रावण के रिहाई के दौरान भारी संख्या में उनके समर्थक जेल के बाहर जमा रहे। चंद्रशेखर को भारी सुरक्षा के बीच जेल से 15 महीने बाद रिहा किया गया।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने चंद्रशेखर को समय से पहले रिहा करने का फैसला उनकी मां के आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए लिया। उन्हें इस साल 1 नवंबर को रिहा किया जाना था, लेकिन उन्हें पहले ही रिहा कर दिया गया। चंद्रशेखर के साथ उनके दो साथियों नाथीराम और रामदास को भी रिहा किया गया है।
यही नहीं, यूपी में एनएसए रद्द कर दिया गया है जिसके बाद योगी सरकार के इस फैसले को लोकसभा चुनावों से पहले दलितों की नाराजगी दूर करने के दांव के तौर पर देखा जा रहा है।
सहारनपुर में 9 मई, 2017 को हुई जातीय हिंसा में आठ स्थानों पर भीम आर्मी के सदस्यों ने उत्पात मचाते हुए कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया था और एक पुलिस चौकी को आग लगा दी थी। इस दौरान हुई हिंसा में मुख्य आरोपी चंद्रशेखर को
सहारपुर में हुई हिंसा का मुख्य आरोपी चंद्रशेखर को उत्तर प्रदेश की स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने पिछले साल 8 जून को हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से गिरफ्तार किया था।
चंद्रशेखर और उसके साथियों पर पुलिस ने 12-12 हजार रुपये का इनाम भी रखा था। मई में सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव और आसपास के इलाकों में जातीय हिंसा हुई थी। इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 16 अन्य घायल हुए थे।