उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कड़ाके की ठंड को मद्देनजर नजर रखते हुए सरकारी स्कूलों के बच्चों को मुफ्त स्वेटर बांटने का ऐलान किया था। लेकिन आधी सर्दी बीत जाने के बाद भी बच्चों को स्वेटर नहीं मिले।
प्रदेश में स्वेटर बांटने के लिए कुल 1.53 करोड़ रुपये के स्वेटर गरीब विद्यार्थियों को वितरित किया जाना है. साल भर पहले 390 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया गया. लखनऊ की एक फर्म ने ई–निविदा (ई–टेंडर) के जरिये इसके लिए 248 रुपये का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया.
लखनऊ के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अध्ययन करने वाले केवल 10% छात्रों को अभी तक मुफ्त स्वेटर प्राप्त हुआ है। शहर के सरकारी स्कूलों में करीब 1.7 लाख छात्र नामांकित हैं। जिनमें केवल 18,000 छात्रों को मुफ्त स्वेटर प्राप्त हुए।
अन्य जिलों में स्थिति और भी खराब है लखीमपुर में करीब 4 लाख सरकारी स्कूलों में से सिर्फ 25,000 स्वेटर मिले हैं।बता दें कि स्कूल प्रबंधन समितियों (एसएमसी) को छात्रों को स्वेटर खरीदने और वितरित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि जल्द से जल्द उत्तर प्रदेश के सभी 1.54 करोड़ विद्यार्थियों को स्वेटर वितरित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
गौरतलब है प्रदेश के 1 लाख, 59 हजार प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों पढ़ने वाले छात्रों को स्वेटर वितरित किया जाना है, जिसके लिए बजट प्रस्ताव करीब 308 करोड़ रुपए है। टेंडर की तारीख़ दिसम्बर में निकल चुकी है लेकिन वितरण अब तक नहीं हुआ है।
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