भारतीय सेना के जवाबी हमले के बाद जहां देश में उत्साह का माहौल पैदा हुआ वहीं चिंता ने भी घेर लिया है। भारत ने कहा है कि युद्ध छेड़ने का उसका कोई इरादा नहीं था, अब भी नहीं है, उसने सिर्फ ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की, यानी एक लक्षित कार्रवाई, जिसका मकसद सिर्फ आतंकियों से निपटना था, किसी देश को या वहां के आम लोगों को नुकसान पहुंचाना नहीं।
भारत के स्पष्टीकरण को पाकिस्तान सहज रूप से लेगा, इस बारे में कहना मुश्किल है। दरअसल, भारत की कार्रवाई के बाद नवाज शरीफ सरकार पर पलटवार के लिए घरेलू राजनीति का दबाव बढ़ गया है। इससे फिलहाल युद्ध की पृष्ठभूमि जैसे हालात दिख रहे हैं।
वहीं भारत में भी इस ‘लक्षित कार्रवाई’ के बाद लोग उम्मीद कर रहे हैं कि पकिस्तान के किसी भी कदम का भारत ‘मुंह तोड़’ जवाब देगा। मीडिया वाले तो युद्ध का पूरा माहौल तैयार कर चुके हैं। युद्ध किसी भी हालत में दोनों देशों के लिए हितकर नहीं है।
चिंताएं और मनन जरुरी है क्योंकी आज दुनिया में लड़ाई के तौर-तरीके और साधन इतने विनाशकारी हो चुके हैं कि असल में कोई हार-जीत नहीं होती, सिर्फ विनाश होता है। भारत और पाकिस्तान, दोनों ही परमाणु हथियारों से लैस हैं और यदि युद्ध हुआ तो सिर्फ भंयकर विनाश होगा। अच्छा होगा कि दोनों देशों की सरकार इस विषय पर आपसी बातचीत बढ़ाये और संयम के साथ मसले का हल निकाले।
युद्ध किसी समस्या का हल नहीं !
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