बहादुर, हंसमुख और सामाजिक कायदों को चुनौती देने वाली बेंगलुरु की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर भारती वीरथ की ज़िंदगी का सफ़र अचानक ख़त्म हो गया। 27 जून को भारती अपने घर में फांसी पर लटकी पाई गईं। भारती दो साल पहले बेंगलुरु में जब टैक्सी कंपनी उबर से ड्राइवर के रूप में जुड़ी थीं, तो वह सुर्खियां में आ गयी थीं।. टैक्सी में उनके साथ सफ़र करने वाले यात्री भी उनकी जिंदादिली को याद करते हैं। भारती न तो रात में टैक्सी चलाने से डरतीं थीं न ही कठिन रास्तों से घबरातीं थीं।
भारती की मौत को शुरुआती जांच में पुलिस आत्महत्या का मामला मान रही है. हालांकि घटनास्थल से आत्महत्या से जुड़ा कोई नोट बरामद नहीं हुआ है।
आंध्र प्रदेश की रहने वाली भारती वीरथ ने पहले दर्जी के तौर पर काम किया और फिर एक एनजीओ से जुड़ीं, जहां उन्होंने गाड़ी चलाना सीखी। बाद में उन्होंने उबर कंपनी के साथ काम करना शुरू किया।
भारती ने इस पेशे में महिलाओं के साथ होने वाले भेद- भाव पर अपनी राय भी रखी –”लोग सोचते हैं कि औरतें गाड़ी नहीं चला सकती हैं। ये पितृसत्तात्मक मानसिकता की वजह से है।” भारती उन लड़कियों और महिलाओं के लिए मिसाल बनीं जो छोटे शहरों से बड़े शहर नौकरी की खोज में आती हैं। उनकी मौत पर उबर और उनके दोस्तों ने गहरा दुःख और अफ़सोस जताया है।