जिला लखनऊ, ब्लाक गोसाईंगंज, कस्बा अमेठी। यहां की चेयरमैन वन्दना पूरे अमेठी कस्बा में पहली बार महिला चेयरमैन बनी हैं। जब से ये कस्बा बना है, यहां कोई महिला नगर पंचायत की चेयरमैन इससे पहले नहीं रहीं हैं। खबर लहरिया पत्रकारों ने चेयरमैन वंदना से बातचीत किया।
सवाल- आप कब चेयरमैन बनी?
जवाब- मैं जून 2012 में चेयरमैन बनीं हूं।
सवाल- आपने चेयरमैन बनना क्यांे पसंद किया और कैसे लगता है?
जवाब- पिछले चेयरमैनी में हमने कस्बे की बहुत सारी समस्यांए और घटनाएं देखी थीं जो कभी खत्म नहीं होती थी। गरीब लोगों को देखकर हमने ये फैसला लिया कि हम चेयरमैन बनेंगे और समस्याएं दूर करेंगे। लेकिन इसमें आधा से ज्यादा सहयोग हमारे पति अमर जीत सिंह का है। उन्होनें ही हमें ये काम करने में मदद की है।
सवाल- आप अपने बारे में कुछ बताइए?
जवाब- हमने लखनऊ यूनिवर्सिटी से स्नातक किया है। जब हमने अपने यहां के गरीब लोगों की समस्या सुनी और देखी तब हमने जीतकर अलग-अलग मुद्दों पर काम करवाना शुरु किया।
सवाल- अभी तक आपने क्या-क्या काम करवाया है?
जवाब- हमने सबसे ज्यादा सफाई के मुद्दे पर काम किया है। पंद्रह साल का कूड़ा हटवाया है। फिर हमने अपने कस्बे के लिए सी.एम.ओ. और स्वास्थय मंत्री से अस्पताल बनवाने के लिए प्रस्ताव भी दिया है। पच्चीस हजार आबादी वाले हमारे कस्बे में न इण्टर कालेज है न अस्पताल है। हम पूरी लगन से बनवाने की कोशिश कर रहे हैं। इस समय हमने जुम्मे की नमाज के लिए पानी की टंकी अलग से रखवाई है। अलाव की व्यवस्था की है। हमारे काम से सभी लोग बहुत खुश हैं। हमें सारे काम करवाना अच्छा लगता है। हम गरीब लोगों का आय, जाति, और निवास प्रमाण पत्र निःशुल्क बनवा रहे हैं।
यहां बनीं पहली महिला चेयरमैन
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