जिला लखनऊ और फैजाबाद में सड़कों का हाल बहुत बुरा है जिससे लोगो की समस्याओ के साथ-साथ जान भी चली जाती है लेकिन सरकार का उन समस्याओं तक ध्यान नहीं जाता। लखनऊ में विधान भवन के पास नाला बना है जिसमें पटिया जगह-जगह न होने के कारण खतरा बना हुआ है। जहां से हर रोज हजारों लाखों यात्री गुजरते हैं जिससे कभी-कभी हादसा भी हो जाता है।
जिला लखनऊ के काकोरी ब्लाक के लालपुर गांव में बहुत बड़ा गड्ढा खुदा है जिसमें एक पिंकी नाम की लड़की की आठ बजे रात में गिरकर मौत हो गई। प्रधान पल्ला झाड़कर बगल हो गये कि फुर्सत मिलने पर बनवायेंगे। अगर समस्या को सुलझाने वाला अपनी जिम्मेदारियों से हट जाता है तो जिम्मेदारी किसकी होगी? और जनता की समस्या का निदान कैसे होगा? वहीं फैजाबाद के तारुन ब्लाक के लगभग पांच-छह सड़कों का हाल एैसा है गाडि़यों के उछलने से काफी चोटे आती हैं स्कूली बच्चांे की गाडि़यां तो जरुर जाती हैं। लेकिन प्रशासन बनवाने का नाम नहीं लेता। जब बात करने जाओ तो पता चलता है कि एक या दो महीने पहले एस्टीमेट भेजा है। जब तीन चार साल से सड़कों का यही हाल है तो एस्टीमेट पहले क्यों नही भेजा गया और सड़कों की मरम्मत करवाई गई?
मौत का संदेशा दे रहे गड्ढ़े
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