लखनऊ। यहां के गोमतीनगर इलाके में स्थित जनेश्वर मिश्र पार्क में 8 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन चला।
अधिवेशन की खास बात यह रही कि इसमें राज्य या जनता के मुद्दों पर कोई ठोस बात नहीं हुई। उससे भी खास यह रहा कि समाजवादी पार्टी के फैलाव या नीतियों के लिए भी कोई ठोस रूपरेखा नहीं बनी। आजम खां जैसे बड़े नेता ने कांग्रेस को सास और भाजपा को बहू कहा। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां आपस में ही लड़ती रहती हैं, लेकिन मजे़दार बात यह थी कि सपा के नेता भी मोदी की नीतियों की आलोचना करते रहे। जैसे आज़म खां ने मोदी की जीत को मीडिया की देन के साथ उन्हें झूठा भी कहा। सपा के बड़े नेता रेवती रमण ने मोदी को मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखाने वाला कहा। मुलायम ने मोदी को ज़्यादा बोलने वाला कहा। सभी ने बढ़ रहे अपराध के लिए भारतीय जनता पार्टी को जि़म्मेदार ठहराया। पर उत्तर प्रदेश में बढ़ रही हिंसा के सवाल पर चुप रहे। सवाल यह है कि क्या अधिवेशन का एजेंडा केवल मोदी विरोध या फिर जनता से मेलजोल बढ़ाना या आगे होने वाले चुनाव की रूपरेखा बनाना था।
कोर्ट को एतराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यहां हो रहे सपा सम्मेलन पर एतराज़ जताया है। मामले में दायर याचिका में सम्मेलन शहर से बाहर करने की बात थी। कोर्ट ने पार्क में भविष्य में किसी भी राजनीतिक कार्यक्रम में रोक लगा दी।