4 अक्टूबर को एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करने वालों को जवाब दिया। उन्हेंने कहा कि कुछ लोगों को निराशा फैलाने में बड़ा मजा आता है, और ऐसे लोग अर्थव्यवस्था में होने वाले विकास को नहीं देख पा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने अपनी योजनाओं गिनाते हुए कहा की नोटबंदी से काले धन पर कठोर कानून बना, जीएसटी लागू करके उन्होंने हिम्मत दिखाई। और अब अर्थव्यवस्था में ईमानदारी का नया दौर शुरू हुआ है। काले धन का लेन–देन करने से पहले लोगों को पचास बार सोचना पड़ता है, और ये उनकी सरकारी योजनाओ के कारण हुआ है।
प्रधानमंत्री का जवाब है तो कड़ा, लेकिन ये भी जान लें की अर्थव्यवस्था की ख़राब स्तिथि पर बोलने वालों के सूची में शामिल हैं भाजपा पार्टी के ही पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा, और आर बी आई, एक ऐसी संस्था जो अर्थव्यवस्था से जुड़े सच बतलाने में गलती नहीं कर सकता।
तो कहीं ये जुमला राजनीती का एक और रूप तो नहीं?
मोदी ने अर्थव्यवस्था की ख़राब स्तिथि पर बोलने वालों को दिया जवाब
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