रूस की राजधानी मॉस्को के लिए दिसंबर इतिहास का सबसे अंधेरा महीना रहा। मॉस्को ठंड से ठिठुर रहा है। दिसंबर महीने में महज छह से सात मिनट के लिए ही सूर्य के दर्शन हुए जिसने दिसम्बर को अँधेरे का महीना बना दिया। सामान्यता इस महीने में यहां औसतन 18 घंटे के लिए सूरज ही दिखता है लेकिन इस बार स्थिति काफी खराब है।मौसम विभाग के प्रमुख रोमन विलफंड ने कहा, स्टेट यूनिवर्सिटी की वेधशाला के अनुसार, मॉस्को ने दिसंबर में सूर्य का प्रकाश केवल छह से सात मिनट के लिए देखा। इससे पहले वर्ष 2000 में ऐसी स्थिति बनी थी। तब महीने भर में केवल तीन घंटे के लिए लोगों ने सूरज को प्रत्यक्ष रूप से देखा था। ठंड के चलते स्थानीय प्रशासन ने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है। मॉस्को में तापमान शून्य से नीचे आठ डिग्री सेल्सियस है। बर्फबारी भी जारी है। इससे प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित है।वहीं देश के कुछ इलाकों में पारा शून्य से 60 डिग्री नीचे तक जा चुका है। इससे इस बार ज्यादा संख्या में लोग डिप्रेशन में गए हैं।