फैजाबाद अउर अम्बेडकर नगर मा महिला हिंसा कै खबर आये दिन सुनै का मिलाथै। कहू दहेज के ताई मारै पीटै तौ कहूं पारिवारिक कलह मा जरिके मरै कै घटना सामने आवाथै। जेतना ही सरकारी नियम कानून बनत बाय वतनै हिंसा बढ़त बाय। यकै सीधा सवाल उठाथै कि या तौ मेहरारून के ताई बने नियम कै सही फायदा नाय हुवत बाय। या मेहरारून का नियम कै जानकारी नाय बाय।
अगर देखा जाए तौ मेहरारू के सुरक्षा के ताई कइयौ हेल्प लाअन नम्बर बना बाय। ज्यादा से ज्यादा मेहरारून का 1090 अउर 100 नम्बर के बारे मा जानकारी होइगै बाय फिर भी हिंसा रूकै कै नाम नाय लियत बाय। ज्यादातर मेहरारून से सुनै का मिलाथै कि अगर नम्बर लगाय जाथै तौ उठत नाय। जब उठाबौ करे तौ बताय दीन जाथै कि यहि नाय दुसरी जगह लगावा। यहि स्थिति मा मेहरारू काव कै सकाथिन। अबहीं फैजाबाद मा बडी घटना सामने आय रही कि 1090 अउर 100 नम्बर पै लगातार फोन करै के बादौ कउनौ सुविधा नाय मिली। जवन अधिकार सरकार दियत बाय उहौ नाय मिलत बाय। तौ कवन मेर मेहरारू लड़की अपने आपका सुरक्षित समझैं। यतनी जागरूकता बढ़ै के बाद भी असुविधा ही मिलत बाय। सरकार के यही नियम कानून कै कड़ाई से पालन करै का चाही।
मेहरारून पै बढ़त हिंसा, जिम्मेदार के?
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