लखनऊ। वर्ष 2015 से विवादों में घिरे आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने लम्बे समय के बाद वापस अपना पद संभाल लिया है। सुनने में आया है कि वह चुनाव लड़ना चाहते हैं। खबर लहरिया ने इन मुद्दों पर अमिताभ ठाकुर से बात की। पेश हैं बातचीत के कुछ अंश-
आपने आरोप लगाया था कि मुलायम सिह ने आपको फोन पर धमकी दी थी! उसके बाद आपको अनुसाशन हीनता के आरोप में निलंबित भी किया गया। यह पूरा विवाद क्या था?
मैने मुलायम सिंह जी को फोन नहीं किया था उन्होंने मुझे फोन किया था। उस फोन पर मेरे समझ से मुझे धमकी दी गई थी। उन्होंने मुझे कहा था कि जसराना में जो आपकी हालत हुई थी, उससे भी खराब हालत हो जाएगी। जसराना में मेरे साथ अपराधिक हमला हुआ था।
यही बात मैंने एफआईआर में लिखवाई थी।
आप पर बलात्कार का आरोप लगा था! उस केस के बारे में बताएं?
जिस महिला को मैने कभी देखा तक नहीं न मेरी पत्नी ने देखा। वो मुझ पर बलात्कार जैसा संगीन इल्जाम लगा रही है।
जिस दिन मैंने मुलायम सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया, उसी दिन पता नहीं कहां से यह महिला प्रकट हो गई और मुझ पर आरोप लगा दिया। इसके बाद आज तक वो महिला सामने नहीं आई।
मैं स्पष्ट रुप से यहां कह देना चाहता हूं कि गायत्री प्रजापति जो खनन मंत्री हैं, इस केस में उनका हाथ है।
आप पर आय से अधिक सम्पत्ती का मुकदमा दर्ज हुआ था! उसका क्या हुआ?
इसकी जांच चल रही है। हमारे यहां आचरण नियमावली में हमसे ये अपेक्षा की जाती है कि हम अपनी पूरी आय के बारे में राज्य और केन्द्र सरकार को बताएं। मैंने निरंतर अपनी और अपनी पत्नी कि सम्पत्ति का ब्यौरा दिया है।
अभी आपका निलंबन बढ़ाया गया था, फिर केंद्र सरकार ने उसे रद्द कर दिया। तो क्या राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के नियमो का उल्लंघन किया था?
मेरे निलंबन का मामला ही बहुत कुछ साफ कर देता है। हमारे यहां अखिल भरतीय सेवा दंड एवं अपील नियमावली में यह नियम है कि अगर किसी व्यक्ति का निलंबन 90 दिनों के भीतर नहीं बढ़ाया गया तो उसे रद्द माना जाएगा। मेरे मामले में मेरा निलंबन 13 जुलाई 2015 को हुआ। 10 अक्टूबर को मेरे 90 दिन पूरे हो रहें थे। लेकिन उस वक्त मेरा निलंबन नहीं बढ़ाया गया। जब इस बात पर मैंने कहा कि मुझे अब बहाल किया जाय तो 10 दिसम्बर 2015 को पिछली तारीख में मेरा निलम्बन फिर बढ़ाया गया, जो अवैध था। इस लिए मैंने केंद्र सरकार से अपील की।
आपके राजनीति में आने की भी चर्चा हो रही है! तो कब आ रहें हैं आप राजनीति में?
हां, मैं राजनीति में आना चाहता हूं। मैंने कई बार इस भावना को व्यक्त किया है। राजनीति बुरी नहीं है बल्कि इसके द्वारा अच्छा काम किया जा सकता है। जब मेरी औपचारिक तौर पर बहाली हो जाएगी, तब इस पर निर्णय लूंगा।
रिपोर्टर – लक्ष्मी शर्मा