मेघा और शक्कू के खट्टे मीठे अनुभवों की मनोहर कहानी …
मेघा और शक्कू बाई मराठी लावणी के द्वारा एक ‘मुख्य विषय’ पर बातचीत कर रही हैं.
यह विषय है – किसी से संबंध बनाने के से पहले, आपसी सहमती की ज़रुरत, जो अंग्रेजी में कंसेंट कहलाता है. वो किसी भी स्थिति में हो, किसी के साथ भी
मेघा कहती है कि वो जिसे चाहती है, वो उसके पास नहीं आता और जो आता है वो उसके मन की बात नहीं समझता. शक्कू बाई का कहना – अरे भाई सहमति कोई छुट्टा पैसा तो है नहीं, जो हाथ में थम दिया और दिख गया! यह चीज़ें समझने वाली होती हैं!
पर मेघा को एक और टेंशन. अगर उसे कोई मर्द पसंद आया – और उसने हाँ कह दी – तो क्या वो उसे चालू ना समझे!
सक्कू बाई इसी मुश्किल का हल मेघा को सुझाती है कि उसके पास जो भी मर्द आये वो उसके साथ इस बारे में बात करे और उसे इशारों में, प्यार से अपनी बात समझाए. बात यह है, कि सहमति के 3 ऑप्शन हो सकते हैं : हाँ , ना, शायद!
तीख़ी अंदाज़, और फड़कीले नाच के साथ, पेश है यह #सुपरहिट-कंसेंट-लावणी!