जिला ललितपुर, ब्लाक बिरधा, गांव पाली के हेतराम यादव छेनी और हथौड़े की चोट से पत्थरों में भी जान डाल देते हैं। कहते है कि हौसलों में जान है तो दुनिया की हर मुश्किल आसान है।ऐसी है मूर्तिकार हेतराम की कहानी। जो बारह साल की उम्र से ही मूर्ति बनानें का काम कर रहें हैं।हेतराम का कहना है कि सब अपने आप मइया जी की कृपा से मूर्ति बनाना सीखा है। शुरू में मिट्टी और सीमेंट से बनाता था तब परिवार के लोग डांटते थे। आज एक अच्छे मूर्तिकार के रूप में सामनें हूं। मूर्ति बनानें के लिए सुकपुरा और मानपुर से पत्थर लातें हैं। बन्दर, हाथी, बारहसिंहा, ऊंट, खरगोश, सांप, बिच्छू, मगर सभी की मूर्ति बनाता हूं। जिन लोगों का स्वर्गवास हो जाता है उनकी भी मूर्ति मनाता हूं मैं ऐसे ही काम करते रहना चाहता हूं। उसकी माँ कस्तुरी देवी का कहना है कि स्कूल जानें के समय वो छिप जाता था किसी तरह दस तक की पढ़ाई की है।
रिपोर्टर: राजकुमारी
Published on Dec 22, 2017