पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस और जाट समुदाय के लोगों में हिंसा हुई। 29 सितंबर के दिन भाजपा विधायक संगीत सोम के परिवार वालों ने जाटों की महापंचायत बुलाई थी पर ऐसी सभाओं पर सरकार ने रोक लगाई हुई है। इस ही को रोकने पहुंची पुलिस और पंचायत के लोग भिड़े। छह लोग घायल हुए हैं।
संगीत सोम पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाई चलने पर लोग विरोध करने पहुंचे थे। सोम को दंगे भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। चौबीस लोगों को हिरासत में लिया गया है और एफ.आई.आर. दर्ज किए जा रहे हैं।
जिला शामली, उत्तर प्रदेश। शामली के कांधला ब्लाक के एक मदरसे में 8 सितंबर से राहत कैंप चल रहा है। ये सबसे बड़े कैंपों में से एक है जिसे मुख्यमंत्री और कई नेता देखने आ चुके हैं।
कैंप में रह रहे पचपन साल के मुहम्मद इल्यास लिसाढ़ गांव के प्रधान रह चुके हैं। लिसाढ़ गांव में दंगों का केंद्र था। यहां मस्जिद के साथ कई मुसलमानों के घर जलाए गए थे और तेरह लोगों के मरने की खबर है।
कुछ पड़ोसियों की मदद से इल्यास और उनका परिवार स्थिति बिगड़ने के पहले ही घर से भाग पाए। ‘मुझे सबसे ज़्यादा चिंता अपनी पोती की पढ़ाई की है। पंद्रह दिन हो गए और यहां से कहां जाएंगे, भविष्य में क्या होगा – कुछ नहीं कह सकते।’ उनकी पोती महक कक्षा चार में पढ़ रही थी। ‘गांव लौटने के बारे में कोई सोच भी नहीं रहा है। सौ से ज़्यादा घर जला दिए हैं।’ जब उनसे पूछा कि इस घटना के बारे में बच्चों को क्या बताते हैं तो मुहम्मद इल्यास ने बताया कि हम उन्हें कुछ नहीं बताते नहीं तो अब ही से बच्चों के दिल में नफरत बैठ जाएगी।
मुज़फ्फरनगर पर नज़र – मेरठ में हिंसा, छह घायल
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