नई दिल्ली। दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 20 से 21 जनवरी की रात तक धरने पर बैठे रहे। मुख्यमंत्री की मांग थी कि दिल्ली के चार पुलिस अफसरों को सस्पेंड किया जाए। 22 जनवरी को इनमें से दो अफसरों को छुट्टी पर भेज दिया गया जिसके बाद मुख्यमंत्री ने धरना समाप्त किया। इस घटना के दौरान कांग्रेस की केंद्र सरकार पर केजरीवाल ने कई आरोप भी लगाए।
कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने यहां रह रहे अफ्रीका के कुछ लोगों के घर में घुसकर उन पर बिना सबूतों के नशीले पदार्थों के इस्तेमाल और अफ्रीका की लड़कियों के रहन-सहन पर गलत इलज़ाम लगाए। उन्होंने पुलिस पर इन्हें गिरफ्तार करने के लिए दबाव भी डाला और युगैंडा देश के इन लोगों की ज़बरदस्ती खून और पेशाब की जांच भी करवानी चाही। इस घटना का महिला कार्यकर्ताओं और अन्य नेताओं ने विरोध किया और भारती पर नस्लवाद (रंग आधारित भेदभाव) को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
दो पुलिसवालों को भेजा छुट्टी पर – नई दिल्ली। 22 जनवरी को दिल्ली के दो मोहल्लों के थाना प्रभारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया। धरने में आम आदमी पार्टी ने इसे ‘जनता की जीत’ बताई, जबकि यह उनकी मांगों से कोसों दूर है। दूसरी ओर कई राजनीतिक पार्टियों और महिला संगठनों ने कानून मंत्री सोमनाथ भारती को हटाने की मांग की है। अफ्रीका की महिलाओं ने भी भारती पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया है।