जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव रसिन। हेंया का सुकरू प्रसाद बतावत है कि पुलिस वहिके बिटिया आशा के हत्यारे ससुराल वालेन का गिरफ्तार नहीं करत आय। या मारे ससुराल वाले मुकदमा वापस न ले मा जान से मारैं के धमकी देत है।
सुकरू प्रसाद का कहब है-“मैं आपन बिटिया आशा के शादी बांदा शहर के बिजली खेड़ा मोहल्ला मा सर्वेन्द्र उर्फ संजय साथै 31 मई 2010 मा करे रहव। कर्ज काढ़ के लगभग चार लाख के शादी करे रहव जेहिकर कर्ज आज तक भरत हौं। बिटिया का एम.ए. पास करायेंव ताकि नौकरी मिल सकै। तब भी ससुराल वालेन का पेट नहीं भरा। कहत रहैं मइके से अउर दहेज लाव जेहिमा पल्सर गाड़ी, सोने के चैन अउर सोने के अंगूठी मांगत रहैं। जबै कि शादी मा एक हीरो होण्डा अउर 20-20 हजार के नेग कीन गे रहैं। शादी के कुछ दिन बाद से ही मारपीट करैं लाग रहै पै मैं समझौता कइके भेज देत रहौं। यहै मौका उठा के ससुराल वाले आशा का मार के फांसी मा लटका दिहिन। इं मोहिका सूचना तक नहीं दिहिन। पुलिस के सूचना दें से पता चला है। मैं 13 मार्च 2014 का बांदा कोतवाली मा दहेज हत्या के रपट लिखायेंव। ससुराल वालेन के खिलाफ धारा 498 ए, 304 बी अउर 3/4 दहेज हत्या अधिनियम लाग है। पुलिस दामाद सतेन्द्र उर्फ संजय बस का गिरफ्तार करिस है। जबै कि आशा का ससुर मुन्नीलाल, देवर छोटू, ननद अंजू व मंजू, नन्दोई धमेन्द्र भी मारैं मा शामिल रहैं। इनके खिलाफ रपट भी लिखाये हौं। ससुर मुन्नीलाल महोबा जिला मा अग्निशमन विभाग का अधिकारी है। या मारे कारवाही नहीं होत। ससुराल वाले मुकदमा वापस लें का दबाव बनावत है। या मामला के विवेचना बांदा सिओ सिटी विनोद सिंह करत हैं।”
सिओ सिटी विनोद सिंह कहत हैं कि या मामला का जउन दोषी है वा जेल मा है। बाकी लोगन के खिलाफ सुबूत नहीं मिलत या मारे निर्दोष का जेल नहीं भेजा जा सकत आय।
मुकदमा वापस लें का बनावत दबाव
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