बांदा जिला के नेवादा गांव में 12 फरवरी का शाम सात बजे लगभग तीन-तीन सौ ग्राम के पत्थर पड़े हैं। जेहिसे पूर फसल बर्बाद होइगें है। यहिके कारन किसानन के आंखी मा आंसू आ गे हैं। शासन इनतान का नुकसान मा दस प्रतिशत मुआवजा देत है, वा भी उंई किसानन का जेहिके खुद के जमीन हैं अउर जउन किसान बटाई मा खेत लिये रहत हैं, उंई किसासन का तौ कुछौ नहीं मिलत आय।
राम अवतार का कहब है कि हमार फसल मा दाना लाग गे रहै पै सबै तना टूट गें हैं। चना,मसूर,गेहूं अउर अरहर समेत सबै रबी के फसल बर्बाद होई गे हैं।
अब्दुल रहमान का कहब है कि जउन पत्थर गिरा हैं वा चार-छह सौ ग्राम से कम नहीं रहा आय। वा पत्थर अबै तक नहीं घुरा आय। जउन धान के बेंच का रुपिया रहै वा भी खाद डालें मा खतम होइगें हैं।
रघुराज बताइस कि दुई साल पहिले सूखा पड़ा रहै ,अब पत्थर पड़े से पूरी फसल बर्बाद होइगे हैं।
किसान अच्छेलाल बताइस कि हेंया का मड़ई एक दिन के खाना खातिर मोहताज हैं। एक हजार रुपिया बीघा के हिसाब से सिंचाई लाग रहैं। किसान के ऊपर कर्ज के ऊपर कर्ज लदा जात हैं।
धर्मराज का कहब है कि ओला से बहुतै नुकसान भा हैं इनतान लागत हैं कि खेतन मा फसल नहीं बोई गे रहै।
हेमंत का कहब है कि जानवर अउर मड़इन के खायें तक का नहीं आय यहै कारन मड़ई पलायन करत हैं।
लेखपाल नन्दकिशोर बताइस कि पत्थर से सौ प्रतिशत फसल का नुकसान भा हैं। यहिके रिपोर्ट शासन का देबै अउर जउन आदेश होइ तो कीन जई।
बटाई किसान रामभाऊ का कहब है कि हमार फसल मा कुछ नहीं बचा आय अउर या साल लड़की के शादी भी करै का है। मुआवजा तौ जमीन मालिक का मिली। केता रोवत-रोवत बताइस कि हम रोइत है फसल बर्बाद होइगे,का खइबै अउर जानवर भी पाले हन तौ उन्हें कसत खवाइबै।
रिपोर्टर- गीता देवी
Uploaded on Feb 14, 2018