जिला बांदा, ब्लाक जसपुरा, गांव गाजीपुर। चार साल से सूखा ओला अउर दैवीय आपदा के बोझ तरे दबे किसान अब उबरैं का नाम नहीं लेत आय। जिले के तहसीलन मा बड़े किसान जउन ग्यारह बीघा से ऊपर हैं। उंई एक दरकी पिछले साल कउनौ का 900 कउनौ का 7000 हजार रूपिया का मुआवजा मिला रहै। तबै से आज तक उंई बड़े किसानन का जउन 10 बीघा से ऊपर है। मुआवजा नहीं मिला आय। जेहिसे उंई भी आपन घर खर्च चलावैं खातिर अब बहुतै परेशान हैं।
चुन्नू अउर अजय सिंह का कहब है कि मुआवजा बारिश से फसल खराब होय का मिला रहै। अब एक साल होइगे शासन स्तर से हम लोगन का कउनौ ध्यान नहीं दीन जात आय।
जबैकि छोट कास्तकारन का तीन तीन दरकी सूखा राहत का मुआवजा मिल चुका है। अगर या साल भर के सूखा के बात होत तौ यहौ रहै कि बडे़ किसान कउनौतान गुजर कइ ही लेत हैं, पै हेंया तौ चार साल से किसान बराबर दैवीय आपदा, ओला अउर या साल तौ सूखा के कारन एक दाना भी पैदा नहीं कइ पावा आय। इनतान के मार झेलैं मा गरीब किसान होय या बड़े कास्तकार सबै के घर खर्च बराबर है, तौ बड़े किसानन का मुआवजा काहे नहीं दीन जात आय। खेती के सहारे पढ़ाई लिखाई, शादी विवाह अउर घर खर्चा सबै चलत रहै। या साल तौ इनतान के स्थिति पैदा होइगे है कि किसानन का नाम भर रही गा है। उंई खुदै मोल का गल्ला खरीद के खाय का रखिन हैं।
रिपोर्टर – शिवदेवी