महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में स्थित फूंगस एक दूरदराज का गांव है जो कृषि प्रधान होने के बाद भी काफी हद तक आधुनिकीकरण से दूर है। यही नहीं यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर्यटक आ कर खेती करने का अनुभव ले सकते हैं। इस गाँव को ‘आशाओं से भरा खेत’ भी कहा जाता है।महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में स्थित फूंगस एक दूरदराज का गांव है जो कृषि प्रधान होने के बाद भी काफी हद तक आधुनिकीकरण से दूर है। यही नहीं यह एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पर्यटक आ कर खेती करने का अनुभव ले सकते हैं। इस गाँव को ‘आशाओं से भरा खेत’ भी कहा जाता है। 2005 में, एक विज्ञापन कंपनी में काम करने वाले राहुल और उनकी अभिनेत्री, पत्नी संम्पदा ने खुद को भागमभाग की जिंदगी से कुछ समय के लिए खुद को अलग करने का सोचा और आ गये फूंगस गाँव में जो इनके मूल गांव का पड़ोसी गांव है। दोनों ने मिल कर इस गाँव को पर्यटन हेतु समृद्ध बनाना चाहा और इसमें उन्होंने प्रसिद्ध किसान जानकार शेखर भडसावले की मदद ली। उनसे खेती की बारीकियां सीखीं और कई तकनीकों का ज्ञान लिया। बस फिर क्या था दोनों ने मिल कर इस गांव में एक रिसोर्ट बनाने की तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने बेजार, खाली जमीन पर खेती की। उन पर पेड़ लगाये, उसे खुबसूरत बनाया। इसमें उन्होंने गाँव वालों की भी मदद ली। अच्छी फसल, फल और सब्जियां उगाई। बाग़-बगियाँ तैयार की। दंपती ने मिल कर इस गांव को इस तरह बदल दिया कि अब यहाँ लोग घुमने आते हैं। यहाँ लोग प्रकृति के बीच रहना पसंद करते हैं उसके साथ-साथ यहाँ आ कर बैलगाड़ी की सवारी, ट्रेकिंग, पक्षी-देखरेख, सितारों को देखना और मछली पकड़ने जैसे मनोरंजक काम भी करते हैं।