हर साल की तरह इस साल भी, मुंबई में जन्माष्टमी बड़े धूम-धाम से मनाई गई। इस त्यौहार का सबसे बड़ा आकर्षण होता है ‘दही हांड़ी’, जिसमें बीस फीट ऊँचे तार पर लटकते दही के मटके को तोड़ने के लिए युवा जिन्हें ‘गोविंदा’ कहा जाता है, एक दूसरे के कंधो पर चढ़ते हैं।
अक्सर दही हांड़ी फोड़ने के लिए लड़कों की मंडली बनती है, लेकिन मुंबई के जिया मासूम बस्ती का नजारा कुछ अलग है। यहाँ ‘लड़की गोविंदा’ की मंडली हर जन्माष्टमी में धूम मचाती है। इस मंडली का नाम है दीप क्रीडा मंडल, जिसमें चालीस लड़कियां हैं। इन चालीस ‘लड़की गोविंदा’ में से अड़तीस लड़कियां जिया मासूम बस्ती की हैं।
इस मंडली की खासियत यह है कि यह लड़कियां निडर हैं और इन्हें इस तरह के काम करने में बहुत मज़ा आता है। खास कर, जब भी लड़के छेड़खानी करने लगते हैं तो ‘लड़की गोविंदा’ का यह गैंग वापस उन्हें ही सताता है। दही हांड़ी तक पहुँचने के लिए, दीप क्रीडा मंडल ने काफी अभ्यास किया है।
साभार: द लेडीज फिंगर