केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया को सलाह देते हुए कहा है कि उन्हें दलित शब्द के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इसकी जगह पर अनुसूचित जाति का प्रयोग करना चाहिए।
मंत्रालय का कहना है कि मीडिया संगठनों को दलित शब्द के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के अनुपाल में संविधान में उल्लिखित अनुसूचित जाति का इस्तेमाल अंग्रेजी में करना चाहिए और इसके साथ ही इस शब्द के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में उचित शब्द का इस्तेमाल करने की जरूरत है। इसके साथ ही सभी सरकारी कार्यों में, प्रमाण पत्रों में भी अनुसूचित जाति का ही प्रयोग होना चाहिए।
बताया जा रहा है कि इस संबंध में सूचना प्रसारण मंत्रालय प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से इस संबंध में विचार के लिए कहेगा।
इस संबंध में पीसीआई की सलाह एक महीने के अंदर सार्वजनिक होने की उम्मीद है। एनडीए सरकार इस संबंध में पहले ही कुछ दिशानिर्देश जारी कर चुकी है।
मार्च में जारी एक सर्कुलर के अनुसार, इस बात के स्पष्ट निर्देश हैं कि सरकारी पत्राचार या संस्थानों में दलित शब्द का इस्तेमाल नहीं होगा क्योंकि इस शब्द का उल्लेख संविधान में कहीं नहीं है।