पूरी दुनिया में इसे मीडिया की आज़ादी पर हमला माना जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर किसी समुदाय को ऐसा लगता है कि मीडिया द्वारा उनका अपमान किया गया है तो वह कानूनी मदद ले सकते हैं। हमला और हत्या किसी भी रूप में विरोध का तरीका नहीं हो सकता।
पेरिस, फ्रांस। फ्रांस देश की राजधानी पेरिस में स्थित चार्ली हेब्दो नाम की एक साप्ताहिक पत्रिका के दफ्तर में 7 जनवरी को तीन आतंकवादियों ने हमला कर दिया। हमले में पत्रिका के मुख्य संपादक एवं कार्टूनिस्ट चार्बोनियर, तीन और कार्टूनिस्ट समेत दस पत्रकार और दो पुलिस वाले मारे गए।
दरअसल यह पत्रिका एक व्यंग्य पत्रिका थी। इसमें कार्टून और मज़ाकिया भाषा का इस्तेमाल कर कट्टरवादी संगठनों की लगातार आलोचना की जाती रही है। हमले से कुछ देर पहले ही इस पत्रिका में इस्लामिक स्टेट नाम के आतंकवादी संगठन का एक कार्टून इंटरनेट की सोशल साइट पर डाला था। हालांकि बताया जा रहा है कि यह हमला साल 2011 में इस्लाम धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून छापने के कारण किया गया। हमले के कुछ घंटों बाद ही आई.एस.आई.एस. आतंकवादी संगठन ने इसकी जि़म्मेदारी भी ले ली। हमला करने वालों में शामिल माने जाने वाले हामिद मुराद नाम ने आत्मसमर्पण भी कर दिया।
अगले ही दिन 8 जनवरी को पेरिस के एक इलाके में पुलिस पर हमला हुआ। 9 जनवरी को बाकी दोनों आतंकवादियों को पकड़ने में फ्रांस के अलग-अलग हिस्सों में तनाव बना रहा। दोनों आतंकवादियों ने पेरिस शहर के बाज़ारों में भी हिंसा की।