महिलाओं ने इंटरनेट पर अपने साथ हुई यौनाचार की घटनाओं को लेकर #मीटू (मैं भी) मुहीम की शुरुआत की थी। ये शुरुआत अम्रीका में हॉलीवुड की एक अभिनेत्री अलिसा मिलानो ने की थी, और फिर ये फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से पूरी दुनिया में फैल गया। अलग अलग देशों ने अपनी भाषा में कहा ‘मैं भी’, यानी मैने भी सहा है, और अब मैं इस चुप्पी को तोडूंगी।
इस नारीवादी पहल ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। फेसबुक पर एक वकील राया सरकार ने इस मुहीम में एक नई पहल #उसेभी की शुरुआत की, और शिक्षाविद लोगों को जोड़ते हुए कहा है कि ये वो लोग हैं जो यौनाचार कर चुके हैं। राया की ये सूची 2 नामों से 24 अक्टूबर को शुरू हुई थी और अब तक 61 नामों तक पहुंच चुकी है, और यक़ीनन आगे और बढ़ सकती है।
राया की सूची ने भारतीय नारीवादियों को अलग–अलग बांट दिया है। जो इसके पक्ष में हैं, वो कह रहे हैं की ये बहत अच्छी पहल है, और अब महिलाओं की चुप्पी नहीं होनी चाहिए इस पर। इसलिए आरोपियों को शर्मनाक करने में किसीको पीछे नहीं हटने चाहिए। वहीँ, जो इसका विरोध कर रहे हैं, उनका मानना है की इस तरह एक ऑनलाइन मंच पर किसीको शर्मनाक करना, जहां उनकी ओर से सफाई सुनने का माध्यम ना हो, ये बात बिलकुल गलत है।
#मीटू विवाद से जुड़कर भारतीय शिक्षाविदों को यौन अत्याचार की सूची में किया गया शामिल
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