जिला फैजाबाद, ब्लाक मसौधा, गांव माधवपुर। यहां गांव के पास बने चीनी और शराब मिल के धुएं और राख से लाखों लोग प्रभावित हैं।
जहां मिल को गांव की आबादी से तीन किलोमीटर दूर होना चाहिए, ये मिल पांच सौ मीटर की दूरी पर भी नहीं हैं। गांव के लोगोें ने बताया कि मिल से निकलने वाली राख आंख में पड़ती हैै और चुभती है। कई लोगों को आंखांे का इलाज भी कराना पड़ा है।
प्रदूषण से खाना-पीना और रहन-सहन भी मुष्किल हो गया है। कपड़े धोकर दोबारा गंदे हो जाते हैं। पीने के पानी को तुरन्त भरकर पिया जाता है क्योंकि अगर रखा छोड़ दें तो बदबू करने लगता है। शराब की मिल बनने से बदबू और बढ़ गई है। गांव की आषा पाल ने बताया कि धुंए और राख के कारण पेड़ों में फल नहीं लगते हैं।
प्रधान माया देवी केे पति ऋषिकेष वर्मा ने बताया कि गांव के आसपास के लगभग नब्बे प्रतिषत हैण्डपम्प में खराब पानी आने लगा है। लोगों को कुएं के पानी से काम चलाना पड़ रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राम गोपाल ने बताया कि प्रदूषण से बचाव के लिए पिछले साल एक करोड़ रुपया खर्च किया गया है। वृक्षारोपण, नाली और बाउन्ड्री बनवाई गई है। जो कुआं खुला रहता है उसमें दवा डाली गई है। गांव के लोगों के तरफ से अभी तक कोई षिकायत नहीं आई है।
मिल से पूरा गांव प्रदूषित
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