जिला चित्रकूट, शहर कर्वी मेहरियन के बारे मा कहा जात हवैं कि उंई घर मा रहि के काम करै। सिलाई कढ़ाई का काम भी घर मा रहि के करै। पै अशोह गांव के रहै वाली देवमती शहर के नई बाजार मा मनसवन के दुकान के लगे आपन दर्जी के दुकान खोलिस हवैं।
देवमती का कहब हवैं कि 20 साल से मैं सिलाई का काम करत हौं पहिले गांव मा करत रहिव हौं। अब हिया दुइ साल से कर्वी मा काम करत हौं। 10 साल के उमर मा मोर शादी होइ गे रहैं। 15 साल के उमर मा ससुराल गइंव फेर मइके मा मोर बहिनी कहिस कि पढ़ाई मा मन नही लाग तौ सिलाई सीख लें।
तबै मोर महतारी सिलाई मशीन लेवा दिहिस तौ मैं सिलाई सीख लीनेव। तबै से मैं यहै मशीन से कपड़ा सिलत हौं।
गांव अउर शहर सबै जघा के मड़ई मोहिसे कपड़ा सिलावत हवैं। सलवार सूट, ब्लाउज अउर पेटीकोट जइसे मेहरिया अउर बिटियन के कपड़ा सिलत हौं।
रिपोर्टर- सुनीता और नाजनी रिजवी
13/12/2016 को प्रकाशित