1- सुषमा देशपांडे रंगकर्मी, नाटककर्मी, लेखिका तथा समाज सुधारक हैं। उन्होंने देशभर में चार हज़ार से अधिक नाटककों की प्रस्तुतियां दी हैं।
3- सुषमा देशपांडे लाखों महिलाओं को नाटक दिखाकर अपना जीवन संवारने के लिए प्रेरित करती हैं।
4- उनका सबसे प्रसिद्ध नाटक है ‘हाँ मैं सावित्रीबाई फूले हूँ’ जो 1989 में ग्रामीण महाराष्ट्र में मंचन द्वारा शुरू किया गया था। ये उन्नीसवी शताब्दी की समाज सेविका, जाति-विरोधी, जाति सुधारक सावित्रीबाई फूले की भूमिका पर आधारित है। यह उनका सबसे चर्चित नाटक रहा है, जिसका अब तक लगातार 28 सालों से मंचन किया जा रहा है।
5- 1995 में सुषमा ने एक और नाटक लिखा जो एकल अभिनीत था। यह नाटक तमाशा करने वालों के जीवन पर आधारित था। 2008 में उन्होंने ‘मेरी माँ’ नामक नाटक में वेश्याओं के साथ काम किया।
6- अपने लेखन की विविधता और गहन चिंतन के बारे में उनका मानना है कि उन्हें हर संघर्षशील और शक्तिशाली महिला मजबूर करती है, इस पर काम करने के लिए।