4 मई 1998 को जन्मी श्रेयांशी परदेशी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। हाल ही में, श्रेयांशी ने ‘टाटा ओपन इंडिया इंटरनेशनल चैलेंज’ के फाइनल में प्रवेश करने के लिए सिंगापुर की हुई जेन ग्रेस चुआ को पराजित किया। इस जीत के बाद उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी के रूप में देखा जाने लगा है।
5 फुट आधा इंच की लम्बाई वाली श्रेयांशी ने कम उम्र में ऐसा कारनामा कर दिखाया है कि अब वह अन्य युवाओं के लिए एक आदर्श बन कर सामने आ रही हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए श्रेयांशी ने कड़ी मेहनत की है।
श्रेयांशी खेल का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा नेट अभ्यास को मानती हैं जो उन्हें आने कई कोचों से बेहतर मिलता रहा है। यही नहीं, कड़े अभ्यास और अपने नियोजित लक्ष्य के साथ श्रेयांशी अपने परिवार द्वारा देखे गये सपने को भी अपनी मेहनत से हासिल करना चाहती हैं।
वह बताती हैं कि कैसे उनके संघर्ष में उनके परिवार ने उनका साथ दिया और कैसे उन्हें विफलता के बाद भी उनका मनोबल बढ़ाया है। उनका सपना है कि वह भी बैडमिंटन की महान खिलाड़ी पीवीसिंधु की तरह ओलंपिक खेलें और जीतें। उन्हें अपने इरादों और अपनी मेहनत पर यकीन है और यह विश्वास है कि एक दिन वह अपना और अपने परिवार का ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सपना जरुर पूरा करेंगी।