जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव गोइयां खुर्द, मजरा नेवाडा। आज के नौजवानन का दिमाक हिंया हुंवा के फालतू चीजन मा लागत हवैं पै विद्दार्थी रामप्रसाद का बचपन से विरहा गाना गावें का सउख रहैं बचपन मा वा आपन चाचा के साथै हरमोनियम बजा के गाना गावत रहै।
विद्दार्थी रामप्रसाद का कहब हवै कि पहिले जबै मैं पढ़त रहेंव तौ आकाशवाणी इलाहाबाद से रेड़ियो मा अलग-अलग कलाकार के गाना सुन के लिख लेत रहेंव फेर यहै गाना स्कूल मा सुनावत रहेंव तबै स्कूल से मोहिका प्रोत्साहन मिला तौ मैं बहुतै ख़ुशी के साथ विरहा के गाना गावें लागेंव विरहा गाना से मैं समाज का नयी दिशा दे के कोशिश करत हौं।
विरहा गाना के माध्यम से मड़इन का आपन बात कहें का अच्छा रास्ता मिलत हवैं। मैं अबै तक चित्रकूट, कौशाम्बी, इलाहाबाद मिर्जापुर,प्रतापगढ़ अउर बनारस तक गावें गयें हौं आकाशवाणी के प्रसार भारती अउर सांस्कृतिक केंद्र मा भी गये हौं।इलाहाबाद के थियेटर मा भी काम करत हौं। मैं विरहा समेत लोक संगीत अउर सांस्कृतिक संगीत का भी पहिचान देवावें चाहत हौं।
बाईलाइन-सुनीता देवी
09/10/2017 को प्रकाशित