भारत में माहवारी को लेकर जागरुकता का अभाव है, जो स्वास्थ्य से संबंधित कई समस्याओं का कारण बन जाता है। खासतौर से ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं में इसे लेकर कई तरह की भ्रांतियां देखने को मिलती हैं। यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में अब तक माहवारी पैड के इस्तेमाल को लेकर अब भी बहुत कम जागरुकता है। हालांकि इसके पीछे एक कारण इस पर लगे भारी शुल्क भी है, जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में रहने वाली हर महिला इसका खर्च नहीं उठा सकती।
ऐसे में असम के सिलचार विधानसभा से सांसद सुष्मिता देव ने सभी महिलाओं तक किफायती दाम में माहवारी पैड उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया और इस पर लगे 100 फीसदी शुल्क को निशुल्क करने के लिए एक अर्जी भी दी है। अर्जी में इस बात पर जोर दिया गया है कि ऐसा करने से स्कूल में बच्चियों की उपस्थिति बढ़ेगी। यही नहीं कामकाजी महिलाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी।
सुष्मिता कहती हैं कि वो अपनी सांसद निधि से अपने एरिया में माहवारी पैड की मशीन लगवाएंगी। और साथ ही अपने एरिया में महिलाओं को एक प्लैन से जोड़ेंगी, जिसके अंतर्गत वे खुद से माहवारी पैड बना सकें।