अम्बेडकर नगर हुवय चाहे फैजाबाद, मनरेगा मजदूर जगह- जगह काम न मिलै के कारण भूख हड़ताल पै बैठा रहाथिन। लकिन उनके समस्या कै समाधान नाय हुवत।
मनरेगा मा नियम बाय कि मजदूर का सौ दिन कै काम मिलै। जेसे बाहर काम करै न जाए का परै। अउर गांव मा काम मिल जाए। लकिन सौ दिन के कहै दसौ दिन बराबर काम नाय मिलत जेसे मनई का मजबूरी मा बाहर जायका पराथै। कटेहरी ब्लाक पै लगभग दुई सौ मनई 20 नवम्बर से भूख हड़ताल षुरु करिन। उनकै आरोप बाय कि पांच साल से काम नाय मिला बाय। अगर ब्लाक अधिकारी से बात करा जाय तौ कहाथिन कि काम कै मांग नाय किया गै बाय। काम कै मांग करै तौ काम दीन जाये।
अगर सरकार के हिंआ से नियम बाय कि हर मजदूर का साल मा सौ दिन कै रोजगार दै जाए तौ मजदूरन का पांच साल तक काम काहे नाय मिलत? नियम कै उलंघन काहे कीन जाथै? बारिस मा काम मांगै तौ कहाथै कि बरसात मा कहां काम करावै? या फिर फसल कटै के बाद काम षुरू होये कहिके टाल दीन जाथै? का बारिष मा मनई खाना नाय खातिन?जउने प्रकार से बजट खाता मा आवाथै वकरे अनुसार गांव कस्बा मा विकास काहे नाय कराय जात? मनरेगा मा काम नाय मिलत इहै कारण बाय कि ज्यादातर मनई बेरोजगार अहैं।
मांगे के बादौ नाय मिलत काम
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