जिला महोबा,गांव टिकामऊ के रैबे वाले रामजीवन ने 8 अगस्त को फसल ख़राब और कर्ज से परेशान होबे के मारे ट्रेन से आत्महत्या कर लई। रामजीवन के ऊपर कम से कम सात लाख को कर्ज हतो और जो कर्ज वाने अपने मोड़ी मोड़न के ब्याओ के लाने लओ तो। पांच साल से फसल नई हो रइ ती और जा बार भी सूखा के मारे फसल नई भई ती। और बैंक से भी कर्जा बापिस करबे के लाने नोटिश आ गओ तो।
राम जीवन के भज्जा भीष्म ने बताई के रामजीवन खेत देखबे के लाने गये ते और उते उन ने अपनी फसल देखी और फसल उनकी ख़राब हो गयी ती सो उन ने जई सदमा में ट्रेन से आत्महत्या कर लाइ। और बैंक को कर्जा भी देने तो पैले बैंक वालेन ने बताई ती के 20 प्रतिशत जमा करने परे फिर केन लगे के तारीक निकर गयी अब पूरे सात लाख जमा करने परे पूरे। इतने हम का करते सो जई परेशानी के मारे उनने आत्मह्त्या करी । और हमे नोटिस तारीख निकरबे के बाद में मिलो तो।
महेंद्र पटेल भतीजा ने बताई के जब बे घर नई आय तो हम ओरे उने देखबे गये सो नई मिले। फिर रेल कि पटरी नो देखो के उते कौआ उड़ रए ते सो हम ओरन ने कई के इते कछु हो गयो सो हम ओरन ने दखो सो उते छोटे छोटे टुकड़ा डरे मिले। फिर देखो सो उनकी तोलिया और जूता मिले सो हम ओरे समझ गये के ट्रेन से कट के आत्महत्या करी।
नीरज राम जीवन को मोड़ा ने बताई के खेत देखबे गये ते और उतई खेत हे हमाओ और उतई से रेल कि पटरी निकरी सो उनने बई से कट के आत्म हत्या कर लई। खेत में तिली बई ती सो बोई देखबे गये ते।
रामजीवन कि मोड़ी ममता ने बताई के हमे तो कछु पतो नई परो के कबे कैसे का हो गओ का बात हती।
अशोक कुमार स्टेट बैंक प्रबंधक महोबा ने बताई के हमने कोनऊ नोटिश नई भेजो। काय के सरकार कि तरफ से हमे रोक हे हम अबे कोऊ को नोटिश नई भेज सकत। काय के किसान अबे फसल से परेशान हे सुखा के मारे। तो हम तो अबे एसो कोनऊ नोटिश भेजई नई सकत। और न हमने रामजीवन को नोटिस भेजो तो।
रिपोर्टर- सुनीता प्रजापति