जिला महोबा, गांव चरखारी। यहां के प्राथमिक विद्यालय में 2008 से बिजली कनेक्शन है परन्तु विद्यालय में 2010 में दो दिन के लिए एक बार बिजली आयी है। और बिल एक लाख एक रुपया का आया है।
हेडमास्टर अवधेश नारायण का कहना है कि 2000 में मैं इस विद्यालय में आया हूँ। 2008 में बिजली कनेक्शन होने के बाद भी हमारे विद्यालय में तार नहीं लगाई गई थी 2010 में दो दिन के लिए बिजली जली है। फिर तार काट दिए गये हैं तब से हमारे विद्यालय में बिजली नहीं है फिर भी एक लाख का बिल आ गया है। सहायक अध्यापक हरिओम का कहना है कि दोपहर में खाना खाने के बाद डेढ़ सौ बच्चों को बर्तन धोने में बहुत परेशानी होती हैं। क्यों कि विद्यालय में एक हैंडपम्प है अगर यहां बिजली होती तो पानी की टंकी लगा देते जिससे बच्चों को बर्तन धोने में बहुत समय नहीं लगता।
बिजली की जाँच के लिए जो अधिकारी आते हैं वह जाँच के नाम पर डांट कर चले जाते है हमें ऐसा अधिकारी चाहिए जो हमारी समस्या खत्म कर सकें।
छात्र विकास का कहना है कि बिजली न होने के कारण क्लास में बहुत गर्मी लगती है पढ़ाई नहीं हो पाती हैं।
बिजली विभाग के अधिषाशी अभियंता का कहना है कि विभाग खुद तार लगाने नहीं जाएगा तार मंगवा कर रखे तो लगा दी जायेगी।
बाईलाइन-सुनीता प्रजापति
04/10/2017 को प्रकाशित