जिला महोबा, ब्लॉक चरखारी, गांव कुरारा डॉग, 02 दिसंबर 2016। सरकार खुले में शौच की आदत को छुड़ाने के लिए धन की बारिश कर रही है। वहीं महोबा के कुरारा डॉग गांव में सरकार की ओर से 19 लाख रुपये 160 शौचालय बनाने के लिए आवंटित किए गए थे। इन पैसों से 160 शौचालय तो बनाएं गए है, पर फिर भी 50 परिवारों के पास निजी शौचालय नहीं हैं। जंगल के पास बसे इस गांव में रात बेरात महिलाएं डरते हुए शौच के लिए बाहर जाने के लिए मजबूर हैं।
ग्रामीण अपने घरों में शौचालय की मांग कर रहे हैं और उन्हें प्रधान से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। साबरा, 35, के घर में शौचालय नहीं है। वह आधा किलोमीटर चलकर शौच के लिए जाती हैं। वह कहती हैं, “हमें बरसात के दिनों और रात के समय तो बहुत परेशानी होती है। मैं गांव के प्रधान से छह महीने पहले से अपने घर में शौचालय बनवाने की बात कर रही हूं। पर वह मुझे हमेशा आश्वासन देते हैं।”
60 साल की सफीना भी शौच के लिए रोज़ाना बहुत चलकर जाती हैं। वह तबीयत खराब होने की स्थिति में शौच के लिए घर के पासना चाहते हुए भी बैठ जाती हैं।
कुरारा डॉग गांव के लोगों अपने घर की लड़कियों और बहुओं के बाहर शौच के जाने पर चिंतित रहते हैं। सोगर, 40, की 14 साल एक बेटी है, जिसको भी अकेले जंगल में शौच के लिए जाना पड़ता है। वह कहते हैं, “हमेशा ये डर लगा रहता है कि कहीं उसके साथ कोई छोड़खानी न हो जाए। पर क्या करें, हम गरीब आदमी हैं और बिना सरकारी मदद के अपने घर में शौचालय नहीं बना सकते हैं।”
इस विषय पर गांव के प्रधान प्रभुदयाल कहते हैं, “2015 से 2016 में शौचालय बनाने के लिए पैसे मिले थे, जिससे पहले से पूर्व प्रधान ने 80 शौचालयों का निर्माण कर दिया था और जिन्हें बनवाने में उन्होंने 13 लाख रुपये इस्तेमाल कर लिए थे। बचे हुए शौचालयों का निर्माण मैंने करवाया है और मेरे लिए खर्च के लिए सिर्फ 6 लाख ही बचे थे। मैंने कितने कम पैसों में ये काम बहुत मुश्किल से किया है।”
रिपोर्टर- सरोज सैनी