जिला महोबा, ब्लाक जैतपुर, कस्बा कुलपहाड़। महोबा में जैतपुर से नौगांव के रास्ते में बुंदेलखंड में ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध बेला तालाब पड़ता है। जिले में पानी का एक बड़ा स्रोत होने के साथ ही बेहद खूबसूरत और सैकड़ों लोगों की रोजी रोटी का जरिया भी है यह तालाब।
तालाब के बारे में कई किस्से कहानियां मशहूर हैं। इसे अट्ठारहवीं सदी में राजा परिक्षित ने अपनी पत्नी की याद में बनवाया था। इसलिए इसे प्यार की निशानी के रूप में भी जाना जाता है। वहीं दूसरी तरफ गंाव के लोगांे का कहना है कि कोई बालब्रम्भ नाम के राजा एक दिन यहां घूमने आये थे और उन्हें प्यास लगी। लेकिन कहीं भी पानी ना मिलने की वजह से उन्हें प्यासे ही वापस लौटना पड़ा। बाद में उन्होंने यहां पर यह तालाब बनवाया।
इसके पीछे किस्सा कोई भी हो लेकिन जिले के ब्लाक जैतपुर के सत्ताइस गांवों की प्यास इसी से बुझती है। गांव के हरइयाल कुशवाहा, भागवती, दिनेश और राम ने बताया कि इस गांव का नाम जैतपुर है लेकिन इस तालाब की वजह से इसे लोग बेला तालाब गांव के नाम से ज्यादा जानते हैं। आठ वर्ग किलोमीटर में फैले इस तालाब की गहराई करीब तीस फुट है। पानी का एक बड़ा स्रोत होने के साथ ही सैकड़ों लोग इसमें सब्जियां उगाकर और मछलियां पालकर अपनी रोजी रोटी भी चलाते हैं।
महोबा का ऐतिहासिक बेला तालाब
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