पिछले चैदह सालों से मीडिया में बतौर फोटोग्राफर काम कर रही रेनुका पुरी मौजूदा समय में इंडियन एक्सप्रेस के लिए काम कर रहीं हैं। इन्होंने यह तस्वीर उस वक्त ली जब पहली बार बीएसएफ में महिलाओं की भर्ती की गई।
तीस सालों से फोटोग्राफी कर रही सिप्रा दास मौजूदा समय में इंडिया टुडे के लिए काम कर रही हैं। कारगिल युद्ध पर भी फोटो लाई हंै। अंधे लोगों पर फोटो आधारित ‘अ लाईट विदिन’ शीर्षक से एक किताब भी इन्होंने लिखी है।
करीब पच्चीस सालों से फोटोग्राफी कर रही सर्वेश ने अलग अलग अलग जगहों विषयों पर काम किया है। मौजूदा समय में दैनिक हिंदुस्तान के लिए काम कर रही हैं।