अब हर हफ्ते खबर लहरिया में पढ़ें महिला पत्रकारों की कुछ खास खबरें। राजनीति, विकास, संस्कृति, खेल आदि की ये खबरें देश के कोने-कोने से, छोटे-बड़े शहरों और अलग-अलग गांवों से हैं। इस हफ्ते, बिहार की पत्रकार अमृता कुमारी ने समस्तीपुर जिले से खबर भेजी है। अमृता समस्तीपुर में कई सालों से पत्रकार हैं।
बिहार के समस्तीपुर जिले मोहउद्दीन नगर ब्लाक के सिवेसिंगपुर गांव में करीब छह साल पहले बहू बनकर आई पूजा चर्चा का विषय बनी हुई है। दिल्ली में पली-बढ़ी पूजा की शादी 2009 में गांव के नीरज सिंह से हुई थी। पेशे से फैशन डिजाइनर पूजा जब ससुराल आई तो ज्यादातर बहुओं की तरह उन्हें भी घर के कामकाज में लगा दिया गया। लेकिन पूजा को कुछ करना था। उसने अपने हुनर को एक नया रूप देकर कुछ करने की सोची। उसने केले के रेशे से तरह-तरह की चीजें बनाने का प्रशिक्षण लिया।
पहले तो पूजा ने अकेले ही इस काम को शुरू किया फिर बाद में गांव की दूसरी महिलाएं भी उसके साथ जुड़ने लगीं। पूजा की इस पहल का असर ऐसा हुआ कि गांव की दर्जनों महिलाएं आज इस काम के साथ जुड़कर अच्छी कमाई कर रही हैं। पूजा का कहना है कि बड़ा शहर या छोटा, गांव हो फिर शहर, चाह हो तो राह खुद ब खुद बन जाती है।
पूजा पूरे गांव में मिसाल बन गई है। गांव की महिला हो या पुरुष, बुजुर्ग हो या वयस्क – हर कोई पूजा से गंभीर मुद्दों पर सलाह लेना चाहता है। घर की लड़कियों को उससे जोड़ना चाहता है। पूजा का कहना है कि मेरे जैसी कई महिलाएं जिनके पास हौसले भी हैं और हुनर भी। लेकिन मौके नहीं हैं।
हालांकि सरकार ने कई योजनाएं चलाईं हैं मगर ऐसी औरतों के हुनर को बाहर लाने के प्रयास और तेज करने चाहिए। समाज को भी इसमें अपनी भागीदारी निभानी चाहिए ताकि औरतें स्वावलंबी बन सकें। अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।