अब हर हफ्ते खबर लहरिया में पढ़ें महिला पत्रकारों की कुछ खास खबरें। राजनीति, विकास, संस्कृति, खेल आदि की ये खबरें देश के कोने-कोने से, छोटे-बड़े शहरों और अलग-अलग गांवों से हैं। इस हफ्ते, पढ़ें रिज़वाना तबस्सुम की खबर बनारस से। रिज़वाना ने इसी साल पत्रकारिता में एम.ए. की पढ़ाई पूरी की और इस समय एक स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम कर रही हैं।
बनारस का जयापुर गांव दुनिया भर में मशहूर हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे गोद जो लिया है। सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसदों द्वारा गोद लिए इन गांवों को विकास के माॅडल के रूप में सबके सामने रखने की योजना है। जयापुर गांव प्रधानमंत्री की गोद में बैठकर विकसित ज़रूर हुआ है। लेकिन ज़रा इस गांव के बारे में थोड़ा जान लें।
साल 2002 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने इसे पहले ही गोद ले लिया था। यहां रोज़ शाखा यानी संघ की बैठक होती है। साफ सफाई और हरियाली तो पहले से ही चकाचक है। अब संघ ने गोद लिया था तो हिंदुत्व का एजेंडा तो चलना ही था। यहां एक भी मुस्लिम नहीं है। और तो और सिख, ईसाई या फिर अन्य धर्म के लोग भी नहीं हंै। हां, यहां एक सौ पैंतिस सौर ऊर्जा स्ट्रीट लाइट, यानी गली में जलने वाली बिजली, आधुनिक शौचालय बनवाए गए हैं। कुछ दिन पहले ही एक पुस्तकालय का उद्घाटन हुआ है। बस स्टाप में प्रतीक्षालय बना है। स्टेट बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक की शाखाएं हैं। ए.टी.एम. सेवा चैबीसों घंटे है। कुल मिलाकर सारी सुविधाएं यहां हैं। अब ज़रा इस विकास की नगरी में कौन कौन क्या करता है, यह भी जानें। बनारस के डी.एम. प्रांजल यादव हर महीने गांव का दौरा करते हैं। खुद प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव नृपेंद्र मिश्रा और उनके विश्वासपात्र सी.आर पाटिल- यह लोग जयापुर गांव में विकास की रूपरेखा बनाते हैं और उस पर लगातार नज़र रखते हैं।
यह सुनकर तो हर गांव के दिल से आह निकलती होगी जयापुर तू ही क्यों? हम क्यों नहीं? यहां प्रधान हैं दुर्गा देवी। जैसा लगभग हर गांव में होता है, वैसा ही यहां भी। दुर्गा देवी का देवर पूरे गांव का शासन चलाता है। दुर्गा देवी अंगूठा लगाती हैं। इनका देवर नारायण पटेल मोदी का पक्का भक्त है। उसके निजी पहचान पत्र में मोदी का फोटो लगा है। प्रधानमंत्री की गोद में बैठकर जयापुर गांव जलवे तो बिखेर ही रहा है।