जिला ललितपुर, उत्तर प्रदेश। 12 मई 2013 को यहां की दलित महिला कार्यकर्ताओं पर हुए हमले के दोषी साहब सिंह यादव को 19 मई को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस साहब सिंह यादव पर अब आगे मुकदमा चलाएगी।
सहजनी शिक्षा केंद्र की कार्यकर्ताओं के साथ साहब सिंह यादव ने अभद्र भाषा का प्रयोग, जानलेवा हमला और जान से मारने की धमकी दी थी। 16 मई को ललितपुर के अट्ठाइस अन्य संस्थाओं ने मिलकर घंटाघर पर धरना प्रदर्शन किया था। दर्शन में 400 से ज्यादा स्थानीय महिलाओं और कार्यकत्र्ताओं ने भाग लिया था।
दूसरी ओर मामले की गंभीरता पर गौर करते हुए सहजनी शिक्षा केंद्र से जुड़ी संस्था निरंतर ने 23 मई को राजधानी लखनऊ में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया। प्रेस वार्ता में मामले की गहरी जांच करने वाली एक टीम की रिपोर्ट पेश की गई। कार्यकर्ता माधवी कुकरेजा और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक श्री दारापुरी ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए ललितपुर के दिगवार गांव की दलित बस्ती और राज्य में ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए व्यवस्था की मांग की।
घटना के बाद मामले की एफ.आइ.आर. और मेडिकल रिपोर्ट दर्ज कराई गई और जिला प्रशासन से तुरंत कार्यवाही की मांग की गई थी। सहजनी की जिला समन्वयक मीना के सिर पर 7 टांके लगे। उनका कहना है कि एफ.आइ.आर. में दर्ज भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 504, 506 बहुत कमजोर हैं। सहजनी शिक्षा केंद्र शुरू करने वाली दिल्ली की संस्था निरंतर की निदेशक अर्चना द्विवेदी ने बताया कि दलित और आदिवासी समुदायों के लिए संघर्षरत और सक्रिय महिला कार्यकर्ता, खासकर जो खुद इन समुदायों से हैं, उनके ऊपर जाति और जेंडर आधारित हिंसा का खतरा बना रहता है।
महिला कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की मांग
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