मलेशिया की संसद ने विरोध के बावजूद फेक न्यूज पर अधिकतम छह साल जेल की सजा वाला कानून 2 अप्रैल को पारित कर दिया।
इस कानून को लम्बी चर्चा के बाद संसद ने मंजूरी दे दी। सत्तारूढ़ बारीसन नेशनल (बीएन) गठबंधन ने नए कानून के पक्ष में मतदान किया। स्थानीय और विदेशी मीडिया इस कानून के तहत शामिल हैं।
आरंभ में फेक न्यू्ज छापने पर अधिकतम 10 साल की सजा और पांच लाख रिंगिट यानी एक लाख तीस हजार डॉलर (करीब 84.52 लाख रुपये) के जुर्माने का प्रस्ताव था।
लेकिन आलोचना के बाद सरकार ने सजा को घटाकर छह साल कर दिया।
मंत्री अजलिना ओथमैन के अनुसार, यह कानून अभिव्यक्ति की आजादी को खत्म करने के लिए नहीं, बल्कि फेक न्यूज को रोकने के लिए है।
वहीं, विपक्ष, सामाजिक कार्यकर्ता, प्रेस की आजादी की वकालत करने वाले संगठन ने भारी जुर्माना और अभिव्यक्ति की आजादी को सीमित करने की आशंका को लेकर कानून की आलोचना की।