सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 2006 में शुरु किये गए महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारेंटी कार्यक्रम (मनरेगा) में महिला मजदूरों का स्तर जो 20 प्रतिशत से भी कम था, 2016 में बढ़कर 56 प्रतिशत हो गया है।
यह योजना सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के परिवारों को साल में सौ दिन रोज़गार सुनिश्चित करने के मकसद से शुरु की थी। इस योजना के तहत इस साल 5.6 करोड़ लोगों ने जुड़कर कुल 24,600 करोड़ की कमाई की है।
मनरेगा में महिलाओं की इस अधिक संख्या का मुख्य कारण पुरुषों का कमाई के लिए गांवों से पलायन करना है। विशेषज्ञों के अनुसार आज देश में खेती के काम में महिलाओं की संख्या बढ़ी है, जिसका मुख्य कारण पुरुषों का निर्माण कार्यों और अन्य लाभकारी योजनाओं में काम करना है।
महिलाओं का मनरेगा में जुड़ने का मुख्य कारण घर के कामों के साथ अतिरिक्त कमाई करना है। इस योजना के तहत महिलाएं मछली पालन के लिए तालाब खोदना, सड़क निर्माण और पेड़ लगाने का काम मुख्य रुप से करती हैं।
बताते चलें कि ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार कुछ राज्यों में महिला मजदूरों की संख्या अभी भी कम है, जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है।