जिला फैजाबाद, ब्लाक तारून ग्रामसभा पूरब पट्टी पटखौली। फैजाबाद में मनरेगा को लेकर खुलेआम मनमानी चल रही है। हाल ही में सौ दिन काम और एक साइकिल देने का वादा किया गया था। इसके लिए लोगों को पांच सौ रुपए भी जमा करने थे। कई लोगों ने साइकिल और काम की आस में पैसे जमा कर दिए मगर न काम मिला ना साईकिल।
शिवपति की पत्नी सोबितराम और प्रभावती का कहना है कि प्रधान और रोजगार सेवक ने पांच पांच सौ रुपए जमा करवाए थे। उनका कहना था सौ दिन रोजगार पूरा होने पर काम करने बालों को एक-एक साइकिल मिलेगी। पैसा तो जमा हो गया लेकिन न सौ दिन का रोजगार मिला न साइकिल। हमें लगा था कि पांच सौ रुपए में अगर साईकिल और सौ दिन का रोजगार मिल जाएगा तो बहुत ठीक रहेगा।
विद्यावती का कहना है कि चकरोट, खडण्जा, नाली हर जगह काम किया लेकिन न हाजिरी चढ़ी न पूरा पैसा ही मिला। इन मजदूरों के जाबकार्ड पर नवम्बर 2013 तक हाजिरी चढ़ी है। उसके बाद नहीं चढ़ाई गई। प्रधान पहचान पहचान कर काम देता है।
रोजगार सेवक बृजेष पाण्डेय का कहना है कि मजदूरों की लगभग पैंसठ करोड़ मजदूरी बाकी है। मजदूरी न मिलने के कारण मनई पलायन कर गये है। सिर्फ महिलाएं काम करने आती हैं। बी. डी. ओ. मस्टररोल पर साइन नहीं कर रहे हैं इसलिए पैसा नहीं पास हुआ है। साइकिल का नियम आया था लेकिन छोटी ग्रामसभा होने के कारण सौ दिन का काम नहीं मिल पाया इसलिए साइकिल नहीं मिली।
ब्लाक के मनरेगा लेखा सहायक धीरेन्द्र वर्मा का कहना है कि पूर्व बी. डी. ओ. के कार्यकाल में काम हुआ था इसलिए मोहजूदा बी. डी. ओ. साइन नहीं कर रहे हैं। और मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है।