जिला बांदा, ब्लाक नरैनी, गांव नौगवां। हेंया महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारन्टी योजना (मनरेगा) के तहत सुखारी पुरवा से भाऊ सिंह के पुरवा तक लगभग 5 किलो मीटर के या बिच्छू अउर सांपन से भरे सम्पर्क मार्ग मा मिट्टी काम दिसंबर 2015 से चलत है। जेहिमा सैकड़न मजदूर काम करत हैं, पै फरवरी के महीना से उनके मजदूरी नहीं मिली न ही काम के हाजरी भरी जात आय। जब कि सरकारी नियम के हिसाब से हर सात दिन मा मजदूरन का हिसाब होय का चाही अउर हाजरी भी रोज भरी जाय का चाही। या मारे उंई गरीब मजदूर बिना रूपिया होली का त्यौहार करैं का मजबूर रहैं।
असरफ अली ,संतोष, राजाभइया अउर सुरेश का कहब है कि हम लोग गरीब मजदूर इनतान के धूप लुवार मा खून पसीना एक कइके काम के सहारे ही आपन परिवार पालित हन। या साल सूखा के कारन किसानी भी ठप परी है। जेहिसे हम लोगन के घरन मा खाय तक का निहाय। अब चार चार दरकी खंती के नाप भी होई चुकी पै मजदूरी नहीं मिली आय। सावित्री तुलसा अउर मुन्नी कहत हैं कि हम सोचत रहन कि त्यौहार के मौके मा कुछ रूपिया मिल जई तौ हमार घर खर्च चली, पै अब त्यौहार भी होइगा। मजदूरी नहीं मिली जउने आसरा मा दिन दिन भर धूप मा मेहनत करत रहन कि त्यौहार के समय रूपिया मिल जई। 80 साल का लल्लूराम कहत है कि हमार काम लाइक उमर निहाय, पेट सब करावत है। या फेर भूखे बइठ रहन, पै समय से रूपिया न मिलै मा घर खर्च मुश्किल होई जात है।
प्रधान गुडि़या के मनसवा भइया उर्फ धीरेन्द्र से फोन मा बात करैं के कोशिश कीन गे, पै नहीं होई पाई।
नरैनी बी.डी.ओ. रामकिशन का कहब है कि लोगन के मजदूरी हर सात दिन मा दीन जात है। यतने दिन कउनौ के मजदूरी नहीं रोकी गे। जब राज्य से रूपिया नहीं मिली तौ मजदूरन का कहां से दीन जाय। त्यौहार बाद सब के खातन मा भेजा जई।
मनरेगा मजदूरन के बिना मजदूरी मिले होईगा होली का त्यौहार
पिछला लेख