लखनऊ। उत्तर प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी घोटाला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इलाहाबाद के इस मामले में सीबीआई जांच को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। ग्राम प्रधानों के संगठन ने विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट का फैसला निरस्त करने की मांग की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 31 जनवरी को यह आदेश दिया था। उत्तर प्रदेश के सात जिलों बलरामपुर, गोंडा, महोबा, सोनभद्र, संत कबीर नगर, मिर्जापुर और कुशीनगर में 2007 से 2010 के बीच मनरेगा फंड में हुए घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर मनरेगा घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की थी। इसके बाद पंचायती राज ग्राम प्रधान संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। संगठन का कहना है कि पंचायत मनरेगा योजना लागू करने की अंतिम कड़ी है। अगर जांच हुई तो लोग डर से इस योजना से खुद को अलग कर लेंगे। हाईकोर्ट के आदेश से ग्राम प्रधानों, क्षेत्र विकास परिषद और अन्य जन प्रतिनिधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी।
मनरेगा की सीबीआई जांच पर नाराज़ प्रधान
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