महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी (मनरेगा) अधिनियम के कामों पर नजर रखने वाली काउंसिल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मैगजीन पांचजन्य के संपादक, कुछ हिन्दू आध्यात्मिक संगठनों के सदस्य व एक ड्रोन कंपनी के मालिक का नाम शामिल है।
इन्हें ”विभिन्न राज्यों से गैर-आधिकारिक सदस्यों” का दर्जा दिया गया है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मई, 2018 में जारी एक सूचना में केंद्रीय रोजगार गारंटी काउंसिल (सीईजीसी) का एक वर्ष के लिए गठन किया, जिसका कार्यकाल 20 जून से शुरू हो रहा है।
सीईजीसी का गठन 2005 के इस अधिनियम के कामों पर निगरानी रखने के लिए किया गया था। यह अधिनियम हर ग्रामीण घर को साल में 100 दिन के रोजगार की गारंटी देता है।
वर्तमान सरकार के अंतिम साल के लिए कमेटी में जिन्हें रखा है, उनमें पांचजन्य साप्ताहिक के संपादक, हितेश सोनकर प्रमुख हैं। उन्हें दिल्ली से गैर-आधिकारिक सदस्य नामित किया गया है।
इसकी वेबसाइट पर हालिया गतिविधियों में, पिछले साल राजस्थान में ‘हिन्दू राष्ट्र की पुकार के लिए सामूहिक चर्चा’ का जिक्र किया गया है।
ऐसा पहली बार नहीं है जब सीईजीसी में विशेषज्ञता को दरकिनार कर राजनैतिक नियुक्तियां की गई हों। यूपीए-2 के दौरान 2009 में तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री, सीपी जोशी ने सीईजीसी को कांग्रेस के सदस्यों से भर दिया था। 14 गैर-आधिकारिक सदस्यों में से, जोशी ने 6 कांग्रेस सांसदों के अलावा पार्टी के 2 अन्य नेताओं को सीईजीसी का सदस्य बना दिया था। इसे तब सुधारा गया जब जोशी को मंत्रालय से हटाया गया।