9 जुलाई, इंदिरा गांधी हवाईअड्डे पर मणिपुर की एक युवती के साथ हुए नस्लभेदी टिप्पणी पर युवती ने हवाई अड्डे के इमिग्रेशन अधिकारी पर आरोप लगाया है।
सूत्रों के अनुसार, मोनिका खंगेम्बम ने कहा कि “आईजीआई एयरपोर्ट पर दिल्ली से सिओल जाने के लिए जब वह इमिग्रेशन डेस्क पर जांच के लिए पहुंचीं तो वहां तैनात एक अधिकारी ने उसका पासपोर्ट और चेहरा मिलाते हुए कहा तुम भारतीय तो नहीं लगती हो”।
मोनिका ने फेसबुक पर जब इस घटना को शेयर किया तब यह मामला सोशल मीडिया के माध्यम से सुर्खियों में आया। उन्होंने हवाई अड्डे पर पुलिस या किसी अन्य एजेंसी से इसकी शिकायत नहीं की है। मोनिका ने लिखा कि वह एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली से सिओल जा रही थीं और उसी रात यानि 9 जुलाई की रात लगभग नौ बजे हवाई अड्डे के इमिग्रेशन डेस्क पर तैनात एक अधिकारी ने उनसे नस्लभेदी टिप्पणी की। अधिकारी ने उसके भारतीय होने पर सिर्फ शक ही जाहिर ही नहीं किया बल्कि यह सवाल भी पूछ लिया कि भारत में कितने राज्य हैं। मोनिका ने अधिकारी के इस रवैये को परेशान करने वाला बताया। सिओल पहुंचने के बाद मोनिका ने फेसबुक पर इसका जिक्र किया। उन्होंने रविवार को लिखा कि दिल्ली के अंतर्राष्टीय हवाईअड्डे पर बीती रात मेरे साथ अधिकारियों ने जो बर्ताव किया उसका जिक्र फेसबुक पर करने के बाद उनकी यह पोस्ट खबर बनकर इतना फैल जायेगी, उन्हें इसका बिल्कुल अंदाजा नहीं था। उन्होंने फेसबुक पर उन्हें समर्थन देने वालों का शुक्रिया अदा किया।
मोनिका ने लिखा कि हवाई अड्डे पर मौजूद अधिकारी मुझसे यात्रा और सम्मेलन के बारे में सवाल करता तो मुझे इसका मलाल नहीं होता। लेकिन हंसते हुए उनके गृहराज्य और नागरिकता पर सवाल उठाना दुखद है। मोनिका ने कहा कि समय के अभाव में शिकायत नहीं की। साथ ही यह भी कहा कि “सच बताऊं तो मुझे यह शक था कि कहीं अधिकारी मेरे वीजा पर मुहर लगाने से इंकार न कर दे इसलिए उस समय मैं चुप रहना बेहतर समझा”। मोनिका ने कहा कि अभी मैं सिओल में हूं। पंद्रह दिनों बाद भारत पहुंचकर उस अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराऊंगी।
मोनिका की इस प्रतिक्रिया के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट में कहा कि वह जल्द ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इसके बारे में बात करेंगी, ताकि अधिकारी अपने रवैये के लिए माफ़ी मांगे।
एक अनुमान के अनुसार, 11 लाख से ज्यादा पूर्वोत्तर राज्य के लोग अपने काम या पढ़ाई के उद्देश्य से दिल्ली में रहने आते हैं। इनके साथ दिल्ली में कई तरह के भेद भाव और हिंसा होती है क्योंकि लोगों का सोचना है कि पूर्वोत्तर के लोग अलग दिखते हैं और उनका रहन- सहन और खान –पान भी उत्तर भारत के लोगों से अलग है। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने 1093 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है ताकि किसी भी तरह की नक्सलवादी टिप्पणी और हमले की शिकायत इस पर दर्ज की जा सके।